तीर्थयात्रियों के लिए आपात स्थिति में क्या योजना है? जानें एयर लिफ्ट के लिए क्या है तैयारी
आपातकालीन परिस्थितियों में यात्री एयरलिफ्ट किए जाएंगे। इसके लिए 29 विशेषज्ञ लगाए गए हैं। किसी भी गंभीर परिस्थिति में बेहतर चिकित्सा प्रदान की जा सकती है। यह सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को बताया गया है।
तीर्थयात्रियों को आपातकालीन स्थिति में एम्स ऋषिकेश, राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून और श्रीनगर में एयर एम्बुलेंस की सहायता से एयर लिफ्ट किया जाएगा. इससे किसी भी गंभीर परिस्थिति में बेहतर चिकित्सा उपलब्ध हो सके। यह सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को बताया गया है।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग और चमोली के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है, क्योंकि यमुनोत्री में हृदय गति रूकने से दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में तीर्थयात्रियों को एम्स ऋषिकेश, राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून और श्रीनगर में तुरंत एयरलिफ्ट किया जाएगा।
उनका कहना था कि चार धाम यात्रा मार्गों पर 48 स्थाई चिकित्सा इकाई और 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई बनाई गई हैं, जहां पर 29 विशेषज्ञ चिकित्सक और 182 चिकित्साधिकारी तैनात हैं। 95 पीओसीटी डिवासेज उपलब्ध हैं जो ईसीजी और आक्सीजन लेवल की जांच कर सकते हैं। चार धाम यात्रा में 200 एम्बुलेंस (96 विभागीय एम्बुलेंस, 77 आपातकालीन सेवा, 108 एम्बुलेंस) लगाए गए हैं।
यात्रा मार्गों पर आपातकालीन स्थितियों को दूर करने के लिए ग्यारह ब्ल्ड बैंक और दो ब्ल्ड संग्रहण केंद्र क्रियाशील हैं। कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य पैरामेडिकल कर्मचारी श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कार्डिक सेंटर में काम करेंगे। ऐम्स ऋषिकेश ने भी हेली एम्बुलेंस सेवा शुरू की है। आपात स्थिति में उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग जिलों के डीएम और सीएमओ को हेली एम्बुलेंस सेवा देने की अनुमति दी गई।
गंगोत्री, यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर २० हेल्थ फैसिलिटी सेंटर बनाए गए हैं, जहां डॉक्टर, फार्मासिस्ट सहित पैरामेडिकल कर्मचारी तैनात हैं. इसी तरह जानकीचट्टी मेडिकल रिलीव प्वाइंट पर भी प्रशिक्षित फिजीशियन और अन्य कर्मचारी तैनात किए गए हैं।