देहरादून: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद मसूरी आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होने की संभावना है, जिससे देहरादून की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ सकता है। इसे देखते हुए देहरादून में अब आशारोड़ी से मसूरी तक बाईपास हाईवे के निर्माण की योजना पर काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना के तहत पहले चरण में आशारोड़ी से झाझरा तक हाईवे का निर्माण किया जा रहा है, जो फोर-लेन होगा और इसका उद्देश्य पर्यटकों के लिए सीधा व सुगम मार्ग प्रदान करना है।
इस परियोजना का दूसरा चरण झाझरा से मसूरी तक लगभग 42 किलोमीटर लंबा होगा। वर्तमान में झाझरा से डूंगा तक की सड़क सिंगल लेन है, जबकि डूंगा के बाद का हिस्सा वन भूमि में आता है। इसके लिए वन विभाग से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के बाद, लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) इस क्षेत्र के भूमि ट्रांसफर की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू करेगा, जिससे बाईपास का काम तेजी से आगे बढ़ सके। परियोजना का पहला फेज वन मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कर चुका है, जिससे अब आशारोड़ी से झाझरा तक का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है।
ट्रैफिक का दबाव कम होगा, पर्यटकों को मिलेगी राहत
दिल्ली-दून एक्सप्रेस-वे और मसूरी बाईपास के निर्माण से दिल्ली, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश से आने वाले पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें अब देहरादून के शहर के जाम से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे देहरादून की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा। इसके अलावा, वर्तमान में पांवटा से झाझरा तक भी एक नया हाईवे बन रहा है, जिससे इस रूट से आने वाले पर्यटक भी सीधे मसूरी जा सकेंगे।
देहरादून के जाम की समस्या से निपटने के लिए भविष्य में रिंग रोड परियोजना पर भी काम शुरू किया जाएगा, जो शहर के यातायात को व्यवस्थित करने में मददगार साबित होगी। इससे देहरादून शहर को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि पर्यटक बिना शहर में आए सीधे मसूरी के आकर्षण का आनंद ले सकेंगे।
बढ़ेगी पर्यटन क्षमता, आर्थिक लाभ का अनुमान
पर्यटकों के आगमन में संभावित वृद्धि को देखते हुए, इस परियोजना से उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इस हाईवे के निर्माण से मसूरी पहुंचना आसान होगा, जिससे स्थानीय व्यवसायों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा। सरकार का मानना है कि इस योजना के पूरा होने के बाद न केवल यातायात समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि राज्य की पर्यटन क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी।