एक बंदी हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहा था जिसकी कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी। जैसे ही सूचना मिली , पुलिस और तहसील प्रशासन का एक दल कारागार में पहुँचा। पंचनामा भरा गया। इसके पश्चात शव को एम्स ऋषिकेश भेजा गया , पोस्टमार्टम के लिये। एम्स में चिकित्सकों का एक दल पोस्टमार्टम करेगा। उस समय फोरेंसिक विशेषज्ञ भी वहाँ मौजूद रहेंगे।कारागार प्रशासन ने सूचना दी कि थाना बहादराबाद के गाँव मरगूबपुर निवासी महमूद का पुत्र नूर अहमद, उम्र 74 , को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।
लगभग 12 वर्ष से नूर अहमद कारागार में अपना दण्ड भुगत रहा था। सोमवार की सुबह वह नमाज पढ़ने के लिए उठा और वजू करने लगा। इसी दौरान नूर अहमद की तबियत खराब हो गयी और वह पीछे की तरफ गिर गया। जैसे ही बंदीरक्षकों ने ये देखा तो वे तुरन्त उसे कारागार में बने चिकित्सालय में ले गये। चिकित्सालय में चिकित्सकों ने नूर अहमद को मृत घोषित कर दिया। कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक श्री मनोज कुमार आर्य ने इस घटना की सूचना स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दी। सिडकुल थाने से थानेदार श्री बलवंत और तहसील से नायब तहसीलदार श्री आर के नौटियाल कारागार पहुँचे। उन्हें बताया गया कि नूर अहमद का स्वास्थ्य अचानक खराब हुआ। इसके पश्चात उसे कारागार के अन्दर बने चिकित्सालय में उपचार के लिए ले जाया गया। चिकित्सालय में उसकी मृत्यु हो गई। नूर अहमद को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। चिकित्सालय की तथा अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया था।
Published by- Harshi Jain