पूरे भारत वर्ष मे विभिन्न जाति, धर्मो (caste , religion )और समुदाय के लोग निवास करते हैं। सभी समुदाय के लोग विभिन्न तरीको से अपने इष्ट देवताओं की पूरा करते हैं। लोग अपने देवताओं की कृपा , आशीर्वाद(blessings) पाने के लिए पुष्प और फल चढ़ाते हैं।
भारतवर्ष मे एक ऐसा विचित्र मंदिर (temple) है जहाँ लोग चप्पलें चढ़ाते हैं। यह मंदिर दक्षिण भारत (south india)के कर्नाटक राज्य मे विद्यमान है। यह मंदिर लकम्मा देवी के मंदिर के नाम से जाना जाता है । इस मंदिर की एक और विशेषता है कि इस मंदिर मे पुजारी हिन्दू नहीं अपितु मुस्लिम हैं। यह मंदिर अपनी अनेक विशेषताओं के कारण पूरे संसार मे प्रसिद्ध है।
हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार दीपावली के पांच दिन बाद पंचमी पर यहाँ एक मेले (fair)का आयोजन किया जाता है। उस दिन मंदिर मे आने वाले भक्त अपनी मन्नत को मांगते समय पेड पर चप्पल बांधते हैं। जिन भक्तो की मन्नत पूरी होती है वो मंदिर(temple) मे आकर देवी को चप्पल चढ़ाते हैं। माना जाता है कि मेले की रात देवी माता पेड मे बंधी चप्पलों (slippers) को पहनती है और भक्त जनो की मन्नतो को पूरा करती है।
मंदिर का इतिहास history of temple
स्थानीय निवासियों के मुताबिक यह मंदिर काफी प्राचीन हैं। माना जाता है कि काफी समय पहले देवी मां यहां घूमने आई थीं। जब देवी माँ यहाँ टहल रही थी तभी दुत्तारा गांव के देवता की नजर देवी मां के ऊपर पड़ी और उन्होने माँ का पीछा करना शुरू कर दिया। देवी माँ ने खुद की रक्षा के लिए अपने सिर को वहीँ जमीन पर धंसा लिया। उस समय से माता की प्रतिमा उसी तरह इसी मंदिर मे विराजित है। इस मंदिर मे देवी माँ के पीठ की पूजा की जाती है।
बुरी शक्तियों से रक्षा Protection from evil powers
इस मंदिर मे लोग (people)मन्नत मांगते हैं और मंदिर की पूर्ती के लिए मंदिर के बाहर स्थित पेड पर पूरी आस्था के साथ चप्पलें टांगते हैं। लोग पूजा के दौरान माँ को तरह तरह के भोग भी चढ़ाते हैं। मान्यता है कि चप्पलें चढ़ाने से देवी माँ बुरी शक्तियों(evil powers) से रक्षा करती है। इस मंदिर मे हिन्दुओं(hindus) के साथ साथ मुस्लिम (muslim)भी पूजा करते हैं।