उत्तराखंड के 10 नगर निकायों के स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में किए गए प्रयासों को आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सराहनीय माना है। स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल पूरे होने के अवसर पर, मंत्रालय ने देशभर के 75 अभिनव प्रयासों में इन निकायों के कार्यों को शामिल किया है। शहरी विकास सचिव नितेश झा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तराखंड के विभिन्न नगर निकायों में जो प्रयास हुए हैं, उन्हें सरकार ने विशेष रूप से सराहा है।
मंत्रालय ने बागेश्वर नगर पालिका में सखी एरिया लेवल फेडरेशन महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की सराहना की है। इसके साथ ही, हल्द्वानी नगर निगम की अपशिष्ट प्रबंधन में क्रांतिकारी पहल, ‘बैणी सेना’ को भी देशभर में पहचान मिली है। रुद्रपुर नगर निगम ने ‘वेस्ट टू वंडर्स’ पहल के तहत 30 साल पुराने पहाड़गंज इलाके का कायाकल्प किया है, जिससे वहां का ट्रेंचिंग ग्राउंड खूबसूरत बनाया गया है।
इसके अलावा, ज्योर्तिमठ नगर पालिका के ‘वेस्ट टू वेल्थ’ कार्यक्रम के तहत मैटेरियल रिकवरी सेंटर की स्थापना भी उल्लेखनीय है। इस केंद्र में प्लास्टिक अपशिष्टों को 35 श्रेणियों में छांटकर लगभग एक करोड़ रुपये की कमाई की गई है। केदारनाथ नगर पंचायत ने निजी सहभागिता के माध्यम से प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए डिजिटल रिफंड सिस्टम का उपयोग किया है।
हरिद्वार नगर निगम ने प्रदेश का पहला स्मार्ट सार्वजनिक शौचालय स्थापित किया है। कीर्तिनगर नगर पंचायत ने ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण और निपटान सुविधा केंद्र की स्थापना की है, जबकि गंगोत्री नगर पंचायत ने गीले अपशिष्टों का प्रबंधन कर कंपोस्ट तैयार करने की अनूठी पहल की है। नौगांव, उत्तरकाशी में मैटेरियल रिकवरी सेंटर के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा दिया गया है। इसके अलावा, देहरादून के नथुवावाला वार्ड में 2019 में स्थापित सैनिटेशन पार्क ने टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के इन प्रयासों के लिए मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सचिव शहरी विकास, निदेशक, अपर निदेशक और सभी नगर निकायों को बधाई दी है। यह उपलब्धि उत्तराखंड के निकायों के स्वच्छता के प्रति गंभीर दृष्टिकोण और समर्पण को दर्शाती है।