टिहरी: उत्तराखंड के सबसे बड़े बांध टिहरी बांध(Tehri Dam)की झील से चिन्यालीशोण के क्षेत्र में भूधंसाव – भूस्खलन बढ़ता जा रहा है। भूधंसाव और भूस्खलन के कारण हवाई पट्टी के निकट ही गंगोत्री राजमार्ग और लोगो के घरो ,स्कूलों ,सरकारी-गैर सरकारी दफ्तरों पर भी खतरा मंडरा रहा है | हवाई पट्टी के 500मी एरिया और गंगोत्री नेशनल हाइवे के पीपलमंडी ,नागनीशोंण और बड़ेथी तक करीब 5km क्षेत्र में 1 फ़ीट तक दरारे दिख रही है| इस भूधसाव से लोग बहुत परेशान और काफी डरे हुए हैं | पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरबीर रांगण ने बताया कि राष्ट्र हित की ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के लिए बनाई गयी टिहरी परियोजना से चिन्यालीशोण मुख्यालय सहित टिहरी झील के तट पर स्थित16 गांव प्रभावित हुए हैं|
उत्तरकाशी जिले मे चिन्यालीशोण हवाई पट्टी, चीन सीमा से मात्र 122 किमी की दूरी पर है इसलिए यह हवाई पट्टी सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूण है | यहाँ भारतीय वायु सेना प्रशिक्षण करने आती रहती है |
बताया जा रहा है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और बिभिन्न संगठनों से एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही पुनर्वास निदेशक और टिहरी जिलाधिकारी एवं टी एच डी सी के निदेशक से चिन्यालीशोण क्षेत्र की भूग़र्भीय जाँच करवाने की मांग रखेगा |